Thursday, August 28, 2008

harsh in studio of AAKASVANI

prize distribution

BACHPAN

studentes of mmc department lu in studio of AAKASVANI LKO

बाढ़ ki विभीषिका

हँसी वादियों में........


पहाडों की हँसी वादिओं में

वह स्वछन्द हवा और

चिडिओं की चहचाहट के बीच

मेरा अन्तर मन कुछ कह रहा था

जिसकी अंतस ध्वनि समझाने में

अपने आपको असमर्थ पा रहा था

मन की उथल-पुथल के बीच

अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए

कोई निर्णय नही ले पा रहा था

ऐसा क्यों हो रहा था

प्रश्नों के जबाब पाने को बेताब था

और देख रहा था उन वादिओं की ओर

जो थी मेरे आस-पास

जो दे रही थी दिलासा

बस इसके बाद क्या था

एक ठंडी सी बयार चलने लगी

और मन पुलकित सा हो गया

फ़िर मैं समझ गया

और मन शांत हो गया

ऐसा एहसास होने लगा कि

इस भरी दुनिया में प्रकृति का सानिध्य

पाकर मैं प्रसन्न था

दूसरों को सुख देती प्रकृति आज

ख़ुद अपने अस्तित्व को लेकर

संरक्षण की कर रही है गुहार ..........


सौजन्य से :- अशोक गंगराडे

Sunday, August 24, 2008

Monday, August 18, 2008

joy of nature

युवा दिवस पर ऐड्स जागरूकता रैली

लखनऊ विश्व विद्यालय मे युवा दिवस पर ऐड्स जागरूकता के लिए रैली निकली गई

its dangerous

चलती ट्रेन से न उतरें

दौलत न देना मुझको

दौलत न देना मुझको,शोहरत न देना मुझको
अपने वतन की खातिर,जान लड़ा दूँ अपनी
ऐ मेरे मौला ऐसी नीयत तू देना मुझको,

देश के हित की खातिर मैं जान लड़ा दूँ अपनी
देश पे मैं मिट जाऊं वो हिम्मत देना मुझको

रिपु का मैं मर्दन कर दूँ सर धड से जुदा मैं कर दूँ
देश पे हो जाऊ न्योछावर ये वर तुम देना मुझको

न हिंदू कोई पुकारे न मुस्लिम कोई पुकारे
भारत का मैं कहलाऊ ऐसी सूरत देना मुझको

सीमा पर जब मैं जाऊँ हाथों मे तिरंगा देना
मरने से पहले कुछ बूँदें गंगा की देना मुझको

मैं भारत माँ का जाया है सब कुछ यहीं पे पाया
जहाँ हो इस मिटटी की खुशबू ऐसी जन्नत देना मुझको

देश का गौरव गाऊँ,आज़ादी का गीत सुनाऊँ
भारत की करू मैं जय जय वो वाणी देना मुझको

आओ भारत पर्व मनाएं

- चलो फ़िर से तिरंगा फहराएँ,हम सब भारत पर्व मनाएं,
फ़िर आई है वो शुभ बेला,आओ इंकलाबहम गएँ।

-याद करें हम उन वीरों को,उनका जयगान हम गायें
देश की खातिर जो मर मिटे,उनको श्रद्धासुमन चढाएं।

-याद करें हम भगत सुभाष को,अपने दिल मे उन्हें बसायें,
रानी,तात्याकी वीर गाथाएं,आओ सबको याद दिलाएं।

-देश पे मर मिटने की,राणा की परिपाटी हम पायें,
गाँधी नेहरू का हो सच सपना,इस संकल्प को हम दोहराएँ।

-हो सबसे उन्नत भारत अपना,कुछ ऐसा हम कर जायें,
देश का हो फ़िर मस्तक ऊँचा,आसमान पर ऐसा छायें।

-आजाद देश है,आजाद हैं हम,आज़ादी का गीत हम गायें,
आओ इस स्वतंत्र दिवस पर हमसब भारत का जयघोष लगायें।

Saturday, August 9, 2008

समाज का प्रतिबिम्ब

१-खेल मे डूबा मासूम

२-लखनऊ में मीडिया के महिला सशक्तिकरण मे योगदान पर सेमिनार मे विचारमग्न लोग

ज़हर उगलते कारखाने

जरा सा चूम लूँ मैं

कपोत प्रणय क्रीडा

सड़क के बीच पार्किंग

गन्दगी मे बचपन

कूड़ा उठाते कम उमर के बच्चे राजाजीपुरम लखनऊ मे

Sunday, August 3, 2008

रास्तों पर नज़र रखना

रास्तों पर नज़र रखना
मंजिलें तो हर मोड़ पर मिलेंगी
संभल के रहना दोस्तों से
दुश्मनों से तो फिर भी धमकियाँ मिलेंगी
बात दिल की दिल ही में रखना
सच कहोगे तो गालियाँ मिलेंगी
कभी अपने अन्दर भी झाँक लेना
दूसरों में तो हमेशा कमियाँ मिलेंगी
मत गुज़रना तुम राहे इश्क से
यहाँ सिर्फ़ वीरान गलियाँ मिलेंगी
वक़्त का खयाल रखना
समय देखने के लिए तो घडियाँ मिलेंगी
हाथ मिलाने के लिए तो एक लम्हा ही काफ़ी है
दिल मिलाने में मगर सदियाँ लगेंगी
तुम गैरों से मेल-जोल बढ़ाते रहना
अपनों से रंजिशें मिटाने में कई जिंदगियाँ लगेंगी