लोगों ने जब तेरे बारे में पुछा
तो मुझसे सच कहते न बना
कह तो देता कि शायद
तू बेवफा हो गया है
पर तेरी रुसवाई का इल्ज़ाम
अपने सर लेते न बना
काश कि तू सामने होता
तो निकाल लेता दिल का गुबार
गैरों के सामने तुझे बुरा कहते न बना
कभी सामने बैठोगे तो सुनाऊंगा
हाल-ए-दिल और किसी से कहते न बना
तुने तो बना लिया है एक गैर अपना
मुझसे तो तेरे जाने के बाद
किसी को भी अपना कहते न बना
Sunday, September 7, 2008
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1 comment:
"मुझसे तो तेरे जाने के बाद
किसी को भी अपना कहते न बना"
वाह, क्या बात कही है!!
-- शास्त्री जे सी फिलिप
-- हिन्दी चिट्ठाकारी के विकास के लिये जरूरी है कि हम सब अपनी टिप्पणियों से एक दूसरे को प्रोत्साहित करें
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