सवेरे सवेरे
चाय वाली दुकानपर
किसी ने बताया,
"चाँद पर पहुँचा तिरंगा"
मैंने देखा,
बगल मे खड़ा था एक बालक
भूखा और नंगा
किसी ने बताया,
भारतीय अर्थव्यवस्था ने
मंदी के इस दौर मे भी
apni धाक जमाई
दूर खड़े मजदूर का चेहरा बता रहा था
देश मे कितनी बढ़ गई है महंगाई
अख़बार का कोई पन्ना,
अफगानिस्तान मे बुनियादी संरचना में,
भारत के योगदान को बता रहा था
सामने की मुख्य सड़क पर भरा गन्दा पानी
इस उपलब्धि को मुंह चिढा रहा था
देश मे लगातार अरबपति बढ़ते जा रहे हैं
पर दिनों दिन विदर्भ व बुंदेलखंड में
किसान भूख से मरते जा रहे हैं
हम सूचना प्रौद्योगिकी मे कितना आगे बढ़ गए
पर पदोश मे घटी घटना से अपरिचित रह गए
हम नाभिकीय उर्जा के लिए ज़ोर लगा रहे हैं
पर अपने पन बिजली केन्द्रों को ही सही नही कर पा रहे हैं ........
.....................????????????????????????
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1 comment:
bahut achchhe bhai jaan.......lage raho.
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