वोट दो
नेताओं की अकर्मण्यता पर चोट दो,
धनबलियों,बाहुबलियों के मंसूबों का गला घोंट दो,
वोट दो,वोट दो....
सुयोग्य प्रतिनिधियों पर वोटों की बौछार हो,
चालबाज़ मक्कारों को तेरी धिक्कार हो,
कर्मठ नेतृत्व के हाथों अब देश को सौंप दो,
वोट दो,वोट दो....
जाति धर्म के नाम पर अबकी तुम फँसना नहीं,
लोकलुभावन वादों पर तुम अब लुटना नहीं,
इस देश को अब एक कुशल प्रशासन की भेंट दो,
वोट दो,वोट दो...
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