Wednesday, May 14, 2008

सैनिक व नेता

वह सैनिक है,
यह नेता है,
वह देश को सब कुछ देता है,
यह देश का सब ले लेता है,
वह पेट खलाये लड़ता है,
यह पेट फुलाए बैठा है,
वह भी रक्त बहाता है,
यह भी रक्त बहाता है,
फर्क?
फर्क सिर्फ़ इतना है
वह रिपु का रक्त बहाता है,
यह अपनों को ही लड़वाता है।
वह त्याग बलिदान का दीवाना,
यह वोट दान का परवाना.
वह स्वतंत्रता का पुजारी है,
पर यह सत्ताधारी है।
फ़िर
अंत समय जब आता है,
वह भी मर जाता है,
यह भी मर जाता है,
फर्क?
फर्क सिर्फ़ इतना है,
वह शत्रु की गोली खाता है,
पर यह चारा ही खा जाता है,
वह मर कर इतिहास बनाता है,
यह कांड व घोटाले छोड़ जाता है।
वह अमर शहीद कहलाता है,
यह सी बी आई जांच मे फंस जाता है।
वह मातृभूमि की मिटटी मे मिल जाता है,
यह पक्की कब्र बनवाता है।





द्वारा:कौशलेन्द्र

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