दौलत न देना मुझको,शोहरत न देना मुझको
अपने वतन की खातिर,जान लड़ा दूँ अपनी
ऐ मेरे मौला ऐसी नीयत तू देना मुझको,
देश के हित की खातिर मैं जान लड़ा दूँ अपनी
देश पे मैं मिट जाऊं वो हिम्मत देना मुझको
रिपु का मैं मर्दन कर दूँ सर धड से जुदा मैं कर दूँ
देश पे हो जाऊ न्योछावर ये वर तुम देना मुझको
न हिंदू कोई पुकारे न मुस्लिम कोई पुकारे
भारत का मैं कहलाऊ ऐसी सूरत देना मुझको
सीमा पर जब मैं जाऊँ हाथों मे तिरंगा देना
मरने से पहले कुछ बूँदें गंगा की देना मुझको
मैं भारत माँ का जाया है सब कुछ यहीं पे पाया
जहाँ हो इस मिटटी की खुशबू ऐसी जन्नत देना मुझको
देश का गौरव गाऊँ,आज़ादी का गीत सुनाऊँ
भारत की करू मैं जय जय वो वाणी देना मुझको
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