रास्तों पर नज़र रखना
मंजिलें तो हर मोड़ पर मिलेंगी
संभल के रहना दोस्तों से
दुश्मनों से तो फिर भी धमकियाँ मिलेंगी
बात दिल की दिल ही में रखना
सच कहोगे तो गालियाँ मिलेंगी
कभी अपने अन्दर भी झाँक लेना
दूसरों में तो हमेशा कमियाँ मिलेंगी
मत गुज़रना तुम राहे इश्क से
यहाँ सिर्फ़ वीरान गलियाँ मिलेंगी
वक़्त का खयाल रखना
समय देखने के लिए तो घडियाँ मिलेंगी
हाथ मिलाने के लिए तो एक लम्हा ही काफ़ी है
दिल मिलाने में मगर सदियाँ लगेंगी
तुम गैरों से मेल-जोल बढ़ाते रहना
अपनों से रंजिशें मिटाने में कई जिंदगियाँ लगेंगी
Sunday, August 3, 2008
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